Jane kitni hai Ram Lalla ki Aabhusano ki kimat: जाने कितनी है रामलाल के आभूषणों की कीमत 15 किलो सोना 18000 22 जनवरी को देश के करोड़ों भक्तों का 500 साल का इंतजार आखिरकार खत्म हो गया है लोग भगवान राम के दर्शन करने के बाद भाव विभोर हो उठे लोगों की आंखों में खुशी के आंसू है
वैसे वह भी क्यों ना रामलाल का श्रृंगार ही इतना अलौकिक है कि उन्हें देखते ही प्रभु श्री राम को कई अनमोल आभूषण बनाए गए हैं उनके गहने भी बड़े ही नायाब हैं जिनकी कीमत करोड़ों में इसके अलावा रामलाल के वस्त्र भी बहुत खास है आप शायद यह बात नहीं जानते होंगे कि श्री राम के वस्त्र और आभूषण से लेकर उन्हें पहनाई गई हर एक साथ सजा की चीज खास रिसर्च करके तैयार की गई है
Jane kitni hai Ram Lalla ki Aabhusano ki kimat: हम आपको आज बता रहे हैं कि आखिर खूबसूरत गहने को बनाया किसने और उनकी खासियत क्या है रामलाल को मुकुट समय 14 जी पर पहने गए जिसे सिर्फ 10 12 दिन में तैयार किया गया इन भाव आभूषणों को अध्यात्म रामायण वाल्मीकि रामायण रामचरितमानस और जो वंदन स्रोत जैसे ग में बताई गई श्री राम की छवि के अनुरूप से तैयार किया गया है रामलाल के आभूषण को बंधाईयों के सर्राफ हर सहयमल श्यामलाल ज्वैलर्स की लखनऊ ब्रांच ने बनाया
जाने कितनी है रामलाल के आभूषणों की कीमत
यह करीबन 100 साल पुराना ब्रांड है जिसे एचसीजी ग्रुप के नाम से भी जाना जाता है उसकी चर्चा हर तरफ है सबसे पहले बात करते हैं राम लाल के मुकुट की जैसे नवरत्न से सजाया गया है यह 1 किलो 700 ग्राम सोने से बनाया और उसमें 75 कैरेट डायमंड 175 काह बना 262 काह रूबी और माणिक्य लगा है मुकुट पर बने सूर्य में जो दो हीरे लगे हैं
Jane kitni hai Ram Lalla ki Aabhusano ki kimat: वह सैकड़ो साल पुराने फिर आती है श्री राम लाल की माथे पर लगे तिलक की बड़ी उनके माथे पर बनाए गए तिलक को भी मन किया और हीरे से बनाया गया है रामलीला की तलाक 16 ग्राम सोने का है और इसके बीच और दोनों तरफ लगभग 10 हीरे लगाए गए हैं और रामनवमी के दिन ठीक 12:00 नीचे से आएंगे और अगले 5 मिनट में ऊपर की तरफ होती हुई मुकुट की तरफ जाएंगे रामलाल के गले का हार भी बहुत खास है 108 सिक्कों वाला हार पहना आ गया
50 कैरेट के हीरे के साथ साथ 380 कैरेट का पन्ना
जिसमें कई सारे रन भी जड़े हुए इसका वजन 500 ग्राम है इसमें 50 कैरेट के हीरे के साथ साथ 380 कैरेट का पन्ना चढ़ा हुआ है साथ ही हार के बीच में सूर्यवंशी लोगों है जमाने को पन्ना से बने फूलों से घिरा हुआ है इसके अलावा भगवान का दूसरा हर पांच लड़ा है पेंच लड़ा का वजन 660 ग्राम है जिसमें लगभग 80 ही रहे बन न लगाए गए हैं की लड़ियां पांच तत्वों को दिखाती है यह हार गले से नाभि तक का है राम लाल की कमर को सजाने के लिए 750 ग्राम सोने का कमरबंद बना है जिसमें 850 काह मन की और पन्ना लगाए गए हैं छोटी-छोटी इन घटिया में मोती माणिक्य और पानी की लड़ियां भी लटकी हुई है
22 कैरेट गोल्ड के 400 ग्राम की बाजू बंद बनाए गए
इसके अलावा रामलीला के बाजू के लिए 22 कैरेट गोल्ड के 400 ग्राम की बाजू बंद बनाए गए अब बारी आती है उनके कंगन की रामलाल के कंगन 850 ग्राम सोने से बने हुए हैं इसमें 100 कैरेट के हीरे और 320 कैरेट के मालिक और झड़े हुए हैं 1 किलो सोने का इस्तेमाल किया गया है इसमें 400 ग्राम सोना और 50 काह पन्ना आदि जड़ा हुआ है वह भी 22 कैरेट सोने से बनी है
Jane kitni hai Ram Lalla ki Aabhusano ki kimat
जिसका वजन 560 ग्राम है क्योंकि राम मंदिर में भगवान राम को 5:30 तैयार करने पर काम कर रहे हैं भगवान राम को पीतांबर वेस्टन से सजाया गया है और पीतांबर वस्त्र इसलिए क्योंकि श्री राम चरित्र मानस में जिक्र है कि भगवान राम पीतांबर पहनते थे राम लाल के वस्त्रो का कपड़ा वाराणसी से तैयार कराया गया जैसे सोने और चांदी को मिलाकर बनाया गया इतना ही नहीं इसकी सिलाई में भी सोने और चांदी के धागों का इस्तेमाल किया गया है प्रभु श्री राम लाल की मूर्ति को बनाया है कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज ने अरुण मैसूर के रहने वाले हैं जो देश ही नहीं बल्कि दुनिया के मशहूर मूर्तिकारों में से एक है उनके वंश की पिछली पांच पीडिया मूर्ति बनाने के काम में लगी हुई है राम लाल की 51 इंच की मूर्ति काले पत्थर से बनाई गई दरअसल रामलीला की शाम रंग का वर्णन वाल्मीकि के रामायण में किया गया है इसलिए रामलीला की मूर्ति को श्याम रंग का बनाया गया यह कोई आम काला पत्थर नहीं बल्कि कृष्ण
जाने किस पत्थर से बना है राम लल्ला की मूर्ति
शिला पत्थर है जो दूध या अन्य किसी चीज के संपर्क में आने पर भी खराब नहीं होगा कृष्णा शिरा पत्थर की खासियत है कि 1000 साल से भी अधिक समय तक जियो का त्योहार रह सकता है क्योंकि राज ने मूर्ति बनाने के लिए सिर्फ अपने हाथों हथौड़ी और चीनी का इस्तेमाल किया है और एक साधारण पत्थर पर रामलाल के 5 वर्ष के रूप को बड़े ही बखूबी के साथ किया गया है मूर्ति को इस एंगल में रखा गया है कि रामनवमी के दिन दोपहर 12:00 राम लाल के माथे पर बढ़ सके जिससे उनका माथा चमक उठेगा और उनके माथे पर सूरज का तेज नजर आएगा रामलाल की मूर्ति से लेकर उनके आभूषण तक हर चीज के बारे में इतनी रोचक जानकारी पाने के बाद तो शायद अब आप भी उनके दर्शन के लिए उत्साहित हो गए होंगे उम्मीद है आपको यह जानकारी पसंद आई होगी अगर हां
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